Poetess Shashi’s New Poem Released By Amco Music
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6 Jul 21
कवयित्री: शशि ” विद्या का गागर ”
बूंद बूंद करके बना था सागर,
उस सागर से भरा
मेरी विद्या का गागर,
कण कण मैंने एकत्रित किए,
कि मैं भी पढ़ लिख जाऊं,
फिर वक्त के काले बादल आए,
पढ़ने से फिर टोंक दिया
मैं फिर बोल पड़ी
कि दुनियां में तुमने क्या देखा,
बदल गया था ज़माना
उस ज़माने को मैंने देखा,
चल पड़ी मैं उस पथ पर
जो जन्नत को ले जाता था,
उस वक्त पाया मैंने
मेरे जीवन में उजियार था,
छोड़ दी मैंने अनपढ़ता,
पढ़ा लिखा कुछ नाम किया,
दुनियां की ये अंधियारा
पल भर में मैने पोंछ दिया,
मैंने फिर से संकल्प लिया
अनपढ़ता को मिटाना है,
साक्षरता को फिर एक बार
फिर इस दुनियां में लाना है,
बूंद बूंद…………….
एमको म्यूजिक व अरुण शक्ति के सौजन्य से