Pawan Singh Bereaved
आदर्श पुत्र और कलाकार का फर्ज अदा किया पवन सिंह ने, पिताजी को दिया हुआ अंतिम वचन निभाया
जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ… हिन्दी फिल्म मेरा नाम जोकर का यह गीत आज बरबस ही जेहन में गूंज रहा है। जी हाँ, भोजपुरी सिनेमा के गायिकी के सिरमौर व पावर स्टार पवन सिंह ने अपने स्वर्गवासी पुज्यनीय पिताजी को दिए गए वचन को निभाकर आदर्श पुत्र एवं सच्चा कलाकार होने का मिसाल कायम किया है। शनिवार 12 अगस्त की रात में पवन सिंह जी के पिताजी का ह्रदय गति रुक जाने से स्वर्गवास हो गया। उस समय पवन सिंह अपने जीवन पर आधारित भोजपुरी फिल्म पवन राजा की शूटिंग मुंबई में कर रहे थे। दूसरे दिन 13 अगस्त, रविवार की रात में इंदौर, मध्य प्रदेश में उनका शो था।
एक तरफ पिताजी का दाह-संस्कार और दूसरी तरफ फैंस की चाहत का शो। एक सच्चे कलाकार की इससे कठिन परीक्षा क्या हो सकती थी। पवन सिंह के पिताजी ने वचन लिया था कि चाहे एक ही रूपये का शो क्यूँ ना हो, किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ना है। पिताजी को दिया हुआ वचन निभाते हुए उन्होंने इंदौर के शो में अपने प्रशंसकों बीच हाजिर हुए और पिताजी का अंतिम संस्कार भी किये। इस तरह से पवन सिंह ने आदर्श पुत्र और सच्चा कलाकार दोनों का फर्ज पूरा करके मिसाल कायम किया है। यह दोनों आदर्श फर्ज निभाकर करोड़ो दिलों में उन्होने एक अलग मुकाम बना लिया है। आने वाले दिनों में यह मिसाल दी जाती रहेगी। भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह के स्वर्गवासी पूज्यनीय पिता रामशंकर सिंह जी को पूरे भोजपुरी समाज की तरफ से भावभीनीं श्रद्धांजलि अर्पित।