Review : Jigar Is Neat & Clean Entertaining Film For Masses
अश्लीलता से परे मनोरंजक फ़िल्म जिगर
आम तौर पर भोजपुरी फिल्मो का नाम आते ही सभ्रात वर्ग के दर्शक नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं लेकिन साफ सुथरी और मनोरंजक फ़िल्म बनाने के लिए मशहूर संयोगिता फ़िल्म के साथ दस फिल्मो के अनुभव के साथ खुद की फ़िल्म निर्माण कंपनी पूर्वांचल टाकीज के बैनर तले फ़िल्म बना रहे विकास कुमार उन्ही की पदचिह्नों पर चल रहे हैं । पहले साजन चले ससुराल 2 , फिर बेटा और अब जिगर से उन्होंने यह सिद्ध किया है कि वे भीड़ का हिस्सा नही हैं । ईद पर मुम्बई , गुजरात , बिहार और झारखंड में रिलीज हुई जिगर की कहानी में प्रेम है , परिवार है , बदला है और इमोशन है । इन सबके बीच मधुर संगीत की अपनी एक अलग पहचान भी है । किसी भी फ़िल्म को सजाने का जिम्मा फ़िल्म के निर्देशक पर रहता है ।
जिगर के निर्देशक प्रेमांशु सिंह ने इस भूमिका का बखूबी निर्वाहन किया है और उनके बारे में कहा जा सकता है कि वे भोजपुरी फिल्मो के उन गिने चुने निर्देशकों में से एक हैं जो भव्यता के लिए जाने जाएंगे । जहां तक अभिनय की बात की जाए निरहुआ ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भले ही उनकी इंट्री बतौर गायक हुई पर अब वो अभिनय के पावर हाउस बन चुके हैं । अपनी अदा से भोजपुरी फ़िल्म जगत पर छा जाने वाली अंजना सिंह के 50 फिल्मो के सफर में जिगर उनकी दो सर्वश्रेष्ठ भूमिका वाली फिल्मो में से एक है । सुशील सिंह और मनोज सिंह टाईगर एक वर्सेटाइल एक्टर हैं , कैसी भी भूमिका हो अपनी छाप छोड़ ही देते हैं पर जिगर में इन दोनों ने कुछ ज्यादा ही जान लगा दी है । सहजता और क्रूरता के मिश्रण के साथ साथ भाव भंगिमा दर्शको का मन मोह लेती है । यही हाल गौरी शंकर, देव सिंह , संतोष पहलवान , वैभव सिंह का है । रितु सिंह की गिनती हमेशा से अच्छी अदाकारा के रूप में होती है और इसमें भी उन्होंने इसे साबित किया है । गौरव झा ने वैसे तो कई फिल्मे की है पर जिगर उन्हें नई पहचान दिलाने में सफल हुई है ।
रीना रानी सुशील सिंह की पत्नी की भूमिका में है और उनकी सहजता ने दर्शको का दिल जीत लिया है । उल्लेखनीय है कि जिगर के लेखक हैं विजय यादव व कृष्णानंद पांडे , संगीतकार हैं अविनाश झा घुंघरू कैमरामैन देवेंद्र तिवारी , गीतकार प्यारे लाल कवि , मनोज मतलबी , आज़ाद सिंह और प्रमोद शकुंतलम ने भी मधुर बोल लिखे हैं । फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता रवि बल और किरण शाही हैं ।
बहरहाल , निर्माता विकास कुमार साजन चले ससुराल 2 और बेटा के बाद एक और अच्छी फ़िल्म भोजपुरिया दर्शको को देने में सफल हुए हैं ।———-उदय भगत